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डीएम ने राहत चौपाल में दैवीय आपदा एवं बाढ से बचाव हेतु क्या करे क्या न करे की दी जानकारी

डीएम ने राहत चौपाल में दैवीय आपदा एवं बाढ से बचाव हेतु क्या करे क्या न करे की दी जानकारी


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


गाजीपुर। खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में राहत चौपाल का आयोजन शनिवार को इण्टर कालेज सुहवल में किया गया। जिसमे दैवीय आपदा एवं बाढ से बचाव हेतु जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम कराया गया। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने दैवीय आपदा एवं बाढ से बचाव हेतु क्या करे क्या न करे की विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने वर्तमान मानसून समय मे दैवीय आपदा की घटनायें जैसे बाढ, अकाशीय, बिजली, सर्पदंश व डूबना इत्यादि आपदाये घटित हो रही है। इस सम्बन्ध में ग्राम वासियों को अपने मोबाइल में दामिनी व सचेत ऐप को डाउनलोड करने के लिए बताया गया जिससे आकाशी बिजली गिरने की सम्भावित स्थानो को जाना जा सकता है साथ ही उक्त आपदाओं से बचने के लिये क्या करें क्या न करें के बारे में बताया। उन्होने बताया कि आकाशीय विघुत/वज्रपात गिरने के दौरान पक्के मकान में शरण लें, यात्रा के दौरान अपने वाहन में ही रहें, खिडकियॉ, दरवाजे, बरामदे एवं छत से दूर रहें। खेत खलियानों में पैरों के नीचे लकडी, प्लास्टिक का बोरा या सूखे पत्ते रख लें। आसपास सुरक्षित स्थान न होने पर दोनों कानों को बन्द कर पैरो को आपस में सटा ले व घूटनों की टेक लेकर उकडू बन बैठ जाऐं। इसके साथ ही उन्होने आकाशीय विघुत/वज्रपात गिरने के दौरान क्या न करें के बारे मे बताते हुए कहा कि पेड़ के नीचे न खडें हो, दीवार के सहारे टेक न लगायें, घर में हो तो नल, फ्रिज, मोबाइल आदि को न छुये धातु से बनी वस्तुओं एवं धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें।

जिलाधिकारी ने सर्पदंश के सम्बन्ध में लोगो को जागरूक करते हुए बताया कि यदि किसी भी प्रकार का सांप काट ले तो घबराएं नही, पीडित के शरीर पर कोई भी कसाव वाली वस्तु जैसे बेल्ट, जूते की लेस आदि न बंधे रहने दें। इससे रक्तचाप बढ़ता है। पीडित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले कर जायें। सर्पदंश वाले अंग को न मोड, ओझा या तांत्रिक के पास जाकर झाड फूंक नही करवायें। उन्होने जनपद वासियों को बताया कि दैवीय आपदा से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जनपद स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम नम्बर 0548-2224041 पर अपनी समस्या बता सकते है। आपदा विशेषज्ञ अशोक राय बताया कि किसी आपदा होने पर टोल फ्री नम्बर 112, 101, 1077, 1070 तत्काल सूचित करने की बात कही। उन्होने बताया कि दैवीय आपदा से मृत व्यक्ति को शासन द्वारा रू0 04 लाख की अहैतुक सहायता दिये जाने का प्रावधान है। लेकिन इसके पूर्व मृतक का पोस्टमार्टन कराया जाना अनिवार्य है। कार्यक्रम के दौरान बाढ से सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों ने बाढ की तैयारियो के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन आपदा विशेषज्ञ अशोक राय द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी जमानियां हर्षिता तिवारी, तहसील जमानियां, जिला पूर्ती अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, अधि0अभि0लोक निर्माण विभाग, अधि0 अभि0 देवकली पम्प कैनाल एवं अन्य बाढ से सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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