रोहनिया/वाराणसी/उत्तर प्रदेश
दबंग कोटेदार के खिलाफ लामबंद हुए ग्रामीण, फिर से होगी जांच
ग्रामीण बोले - शिकायत के बावजूद भी निष्पक्ष कार्यवाही नहीं करते विभागीय अधिकारी
मयंक कश्यप पत्रकार
वाराणसी/रोहनिया:-रोहनिया आराजी लाइन ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत देउरा की कोटेदार गीता देवी पर ग्रामीणों ने कम राशन देने का आरोप लगाया है कार्ड धारकों का कहना है कि मानक के अनुरूप राशन का वितरण नहीं किया जाता है। राशन में हमेशा घटतौली की समस्या बनी रहती है। कम तौल का विरोध करने पर कोटेदार मारपीट पर अमादा हो जाता है। ग्रामीणों का यह भी कहना था कि कोटेदार द्वारा अपने चहेतो के घर-घर जाकर मशीन से अंगूठा लगाकर राशन उनके घर पहुचाते हैं। और विरोध करने पर हरिजन एक्ट लगाने की बात करता है।
वही कोटेदार पर राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के नाम पर धन उगाही करने का भी आरोप लगा है। कार्ड धारको का कहना है कि कोटेदार की मनमानी की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गांव के ग्रामीणों का कहना है। कि कोटेदार की ओर से कार्ड धारकों को कम राशन दिया जाता है। विरोध करने पर कोटेदार अभद्रता पर अमादा हो जाता है। इसके अलावा राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए कार्ड धारकों से रुपए लिया जाता है। जिसकी शिकायत दर्जनों बार की गई लेकिन शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की।
ग्रामीण देवनाथ पटेल ने बताया कि चार वर्षों से उनका राशन कोटेदार अपने सहयोगी के साथ मिलकर खा रहा है। और राशन कार्ड में अपना नाम जुड़वाने के लिए कोटेदार का चक्कर लगा रहा हूं। जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करने पर जांच से पहले ही सिस्टम से पूरा कार्ड गायब कर दिया गया। और अभी तक राशन कार्ड में नाम नहीं जुड़ पाया है। अधिकारियों के संज्ञान में बात आने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
इस गांव की अंत्योदय लाभार्थी पिंकी और मंजू ने बताया कि हर महीने राशन में घटतौली की समस्या रहती है। ग्रामीणों ने सक्षम अधिकारियों से मांग की है कि देउरा सस्ते गल्ले की दुकान को सार्वजनिक स्थान पर लाना चाहिए। ताकि राशन लेने में किसी को कोई दिक्कत ना हो।
गांव के ही महेंद्र नाथ पांडे का कहना था कि कोटेदार द्वारा उनका राशन कार्ड कटवा दिया गया। फिर से दोबारा राशन कार्ड जारी करवाने के लिए एक हजार लिया था। लेकिन आज तक उनका राशन कार्ड जारी नहीं हो पाया राशन कार्ड की जानकारी लेने पर कोटेदार द्वारा गाली गलौज और हरिजन एक्ट लगाने की बात कही जाती है।
दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों की शिकायत पर कोटेदार को विभागीय हिदायत दिया गया था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद विभाग में सेटिंग कर वह फिर से पहले से भी ज्यादा घटतौली शुरू कर दिया। कोटेदार की दबंगई इतनी है कि जो भी उसकी शिकायत करते हैं उनका राशन कार्ड ही कटवा देता है।
9 दिसंबर को खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रारंभिक जांच की गई थी। जांच होने के बाद ग्रामीणों का कहना था कि अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं की गई है। जिसके उपरांत ग्रामीणों ने राजातालाब उप जिला अधिकारी के यहां फिर से ज्ञापन देकर दोबारा से जांच कराने की मांग की है।
इस संबंध में राजातालाब उप जिला अधिकारी गिरीश चंद्र द्विवेदी ने पुनः से निष्पक्ष जांच कराने के आदेश की बात कही है। दोषी पाए जाने पर कोटेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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