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प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री टंडा बीर बाबा के महिमा गाथा!...कि क्षेत्र में हो रही है चर्चा

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री टंडा बीर बाबा के महिमा गाथा!...कि क्षेत्र में हो रही है चर्चा


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


मनिहारी:-खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर मनिहारी ब्लाक अंतर्गत श्री टंडा बीर बाबा के महिमा गाथा कि क्षेत्र में चर्चा हो रही है स्थानीय लोगों सहित आसपास के जिले के लोगों के भी इस धार्मिक स्थल पर आस्था दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है

श्री श्री टंडा बीर बाबा धाम एक संक्षिप्त परिचय-अति प्राचीन लगभग 500 वर्ष पहलें कभी घना विरान जंगल वेसो नदी तट के किनारे एक संत रहते जिनके जीवन का मूल मानव सेवा था और वह रूद्र रूप देवाधि देव महादेव कालों के काल महाकाल भूत भावन भोलेनाथ महादानी शिव भक्त थें और वह जनमानस की सेवा में अपनें को समर्पित कर उनके देख रेख में उस काल में जब संसाधन अभाव के कारण भुखमरी हैजा प्लेग मतहायी से गॉव के गॉव पुरूष महिलायें बच्चे असमय काल के गाल में समा जातें थें। बाबा एक फक्कड सूफियाना अंदाज के कबीरमारगी जिनके जाति मजहब मत और पंथ का कोई मतलब नहीं था। जो नर सेवा नारायण सेवा को इसी मूल मंत्र के साथ आजीवन दूर-दूर से आनें वाले लोगों का संताप हरा करतें थें। उसी काल गुजरात से आयें एक ब्यापारी की सम्पत्ति को हडपने की नियत से उसके एक मात्र लडके को लोगों ने गलत ढंग से फसा दिया और वहां के स्थानीय अदालत द्वारा उसको आजीवन कारावास की सजा दी गयीं जिससे ब्यापारी बिक्षिप्त हो गया और अपनें एक लौते पुत्र को न्याय के लिए उसने अग्रिम कोर्ट का दरवाजा खट खटाया और उस समय रोजी रोजगार जीवकोपारजन हेतू टाडढीह भिक्खेपुर के रहनें वाले बाबा के श्रद्धांलू ने ब्यापारी के अलाप दुःख देख उसने बाबा की महिमा बता बाबा के दरबार में रबी या मंगलवार को अर्जी डालने की बात बतायीं और ब्यापारी ने बाबा के प्रति आस्था और विश्वास जताते हुए बाबा के दरबार में चल कर आया और बाबा के दरबार में अर्जी लगायी और बाबा ने ब्यापारी को पहले ही तारिख में न्यायालय से वाइज्जत वरी होंने का आशीर्वाद दिया और ब्यापारी दिल में आशा का विश्वास लियें अपनें प्रदेश घर चला गया और अगली तारिख पर बाबा का सिमरन कर कोर्ट गया और न्यायालय ने उसके बच्चे को बाइज्ज़त बरी का फैसला सुनाया।ब्यापारी ने अपनें बेटे परिवार के साथ आया और बाबा का दर्शन कर बतायीं बाबा फैसला तो आपके कोर्ट में पहलें ही सुना दी गयीं थी कोर्ट तो केवल उसका पालन किया प्रभू । तबसे बाबा को हर फरियादियो के फरियाद का फैसला लेने वाले सुप्रीम कोर्ट से नवाजें जाने लगा। बाबा को खडबा क्षेत्र के कोतवाल से नवाजें जाने के पीछे यहीं रहस्य है कि उस समय जिन भी श्रद्धालू का कोई भी चोरी या कोई दुस्साहसिक घटना पर अर्जी पडने पर चोरी के सामान के साथ चोर और दुस्साहसिक कार्य करने वाले की पहचान और गिरफ्तार कर लिया जाता था और वहीं महिमा आज साक्षात देखने को आयें दिन बाबा के दरबार में मिलता हैं।

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