शिकायतकर्ता के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने की नारेबाजी...
पोखरी के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले!...शिकायतकर्ता के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा,कहा राजनीति द्धेष हैं मुख्य कारण
किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
जनवरी गुरुवार 23-1-2025
गाज़ीपुर:- ख़बर गाज़ीपुर ज़िले से है जहां पर मरदह ब्लाक के हैदरगंज गांव में मनरेगा मजदूरों सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने शिकायतकर्ता के खिलाफ बुधवार को खोला मोर्चा।मालूम हो कि गांव निवासी जीऊत बंधन राम ने पिछले दिनों जिलाधिकारी आर्यका अखौरी को शिक़ायती पत्र देकर गांव स्थित अमृत सरोवर पोखरी के निर्माण में भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया था।जिस मामले में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जांच किया जिसमें उक्त पोखरी के सुन्दरीकरण कार्य में टेक्निकल फाल्ट की वजह से अनियमितता पाई गई जिसके बाद प्रधान,सचिव, रोजगार सेवक,तकनीकी सहायक दोषी ठहराएं गये तथा अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व खंड विकास अधिकारी को पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता बरतने का दोषी पाया गया।अमृत सरोवर पोखरी की खोदाई पर चार लाख 8825 रुपये का भुगतान कराने की बात सामने आई थी।इस मामले की जानकारी समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद उक्त पोखरी में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी करने वाले सैकड़ों मजदूर आग बबूला हो उठे और समाजवादी पार्टी बाबा साहेब अम्बेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार के नेतृत्व में उलटे पांव शिकायत कर्ता के खिलाफ ही उक्त पोखरी के पास मौजूद होकर नारेबाजी करने लगे घंटों प्रर्दशन करने के बाद ग्राम प्रधान रमायन यादव के आश्वासन पर मजदूर शांत हो वापस घर को लौटे।मनरेगा मजदूर सुमन राजभर,राधिका देवी,सुमन देवी,मनवती देवी,कुंती देवी,मीरा देवी,सविता देवी,बिन्दु देवी,कमली,सविता देवी,सुनिता,अनिता, सुशिला, लचिया,चिंता,सुरमिला आदि ने बताया कि हम लोग इस अमृत सरोवर पोखरे के निर्माण में एक महीने तक मजदूरी का कार्य किए कुछ भुगतान बैंक खाते में आ चुका है और कुछ अभी बाकी है,शिकायतकर्ता राजनीति द्धेष से पोखरी निर्माण के कार्य जांच करवा रहा है उसके द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है।पोखरी निर्माण में शत् प्रतिशत कार्य किया गया है।वही दूसरी ओर मजदूर महेंद्र राम,रामपुकार, रामचंद्र,राजेश,उमाशंकर,अरूण कुमार,संजय राजभर, हरिद्वार राम,राम अवध,पंकज गोड़,कांता चौहान,कमला यादव,जगदेव,चन्द्रमा राम,राहुल,यशवंत,चौथी,बरखू,शैलेश ने बताया कि ग्राम प्रधान पर फर्जीवाड़ा का आरोप गलत है।फोरलेन मार्ग के निर्माण हेतु पूर्व में पोखरी की खोदाई कर मिट्टी निकलवाई थी।उसके बाद उसे अमृत सरोवर योजना में शामिल करके मजदूरों से कार्य कराया गया है।इस मामले में हम लोगों को 11 दिन की मजदूरी भी प्राप्त किया है।
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